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अंर्स्ट फिशर

जन्म: 1899 ई., ऑस्ट्रिया के एक सैनिक परिवार में।

उन्होंने भी एक सैनिक के रूप में ही अपना जीवन आरम्भ किया, किन्तु उनकी ज्ञान-पिपासा उन्हें ग्राज़ नामक नगर में ले गई, जहाँ उन्होंने दर्शनशास्त्र का अध्ययन और एक कारखाने में श्रमिक के रूप में काम किया। यहीं वे मजदूर-आन्दोलन से जुड़े। 1927 से 1934 तक उन्होंने विएना में मजदूरों के एक अखबार के सम्पादकीय विभाग में काम किया। इसी बीच उन्होंने सामाजिक-जनवादी पार्टी के अंदर ही वामपंथी विपक्ष के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन 1934 में जब इस पार्टी ने फासीवाद के आगे घुटने टेक दिए तो वे कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए।

दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान मास्को-रेडियो में काम। युद्ध के बाद ऑस्ट्रिया में जो नई सरकार बनी, उसमें वे कुछ समय तक शिक्षा मंत्री रहे। तदुपरांत एक नए समाचारपत्र की स्थापना करके वर्षों तक उसके प्रधान सम्पादक रहे। 1959 के बाद वे पूरी तरह साहित्य के लिए समर्पित हो गए। चेकोस्लोवाकिया में सेना भेजने के लिए सोवियत संघ का विरोध करने पर 1968 में कम्युनिस्ट पोर्टी से निष्कासन।

अंर्स्ट फिशर ने सर्जनात्मक लेखन के क्षेत्र में भी काफी काम किया। पहला कविता-संग्रह 1920 में प्रकाशित। अनेक नाटकों की रचना के साथ-साथ उन्होंने अपनी आत्मकथा भी लिखी। परन्तु उनको मान्यता मिली साहित्य-चिन्तक और कला-मर्मज्ञ के रूप में। कला की जरूरत, समय और साहित्य, कला और सहअस्तित्व कला : विचारधारा के विरुद्ध आदि कई प्रसिद्ध और विवादास्पद पुस्तकें उन्होंने लिखी हैं।

कला की जरूरत

अंर्स्ट फिशर

मूल्य: Rs. 695

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   1 पुस्तकें हैं|